भारतवर्ष की कुंडली में अभी वर्तमान में चंद्रमा की महादशा तथा शुक्र की अंतर्दशा चल रही है जो की मार्च 2025 तक चलेगी। चंद्रमा स्वगृही होकर के तृतीय भाव में सभी राजयोगों में सम्मिलित है तथा शुक्र भी तृतीय भाव में लग्नेश होकर के सभी राजयोगों में सम्मिलित होकर के नवम भाव को देख रहा है जो की भाग्य भाव तथा प्रतिष्ठा का भाव होता है। यह समय दर्शा रहा है की वर्तमान में जो सरकार बनेगी वह स्थाई होगी और उसकी आर्थिक नीतियों और नए कानून के तहत मार्च 2025 के पहले भारत को विश्व में कोई नई प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी। भारतवर्ष विश्व में मान सम्मान तथा प्रतिष्ठा में बहुत बड़ी छलांग लगाएगा।
इसके बाद मार्च 2025 के बाद भारत की कुंडली में चंद्रमा की महादशा में सूर्य का अंतर्दशा चलेगा जो कि सूर्य तृतीय भाव में है। इस दशा में मार्च 2025 से सितंबर 2025 का पीरियड का जो समय है उसमें भारत सरकार के द्वारा विशेष प्रयास किए जाएंगे। उसके बाद सितंबर 2025 से भारत के महादशा में परिवर्तन होगा तथा मंगल की महादशा प्रारंभ होगी। यह मंगल की दशा जो मंगल सप्तमेश और द्वादशेष होकर के द्वितीय भाव में बैठा हुआ है और इसकी दृष्टि पंचम भाव, अष्टम भाव तथा नवम भाव पर पड़ रही है जो की दर्शाता है कि भारत सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून को कड़ाई से लागू करेगी और भारत के नए शिक्षा नीति को भी कड़ाई से पालन करने में सरकार अग्रसर रहेगी।
आने वाले 2026 में जब मंगल की महादशा में राहु की अंतर्दशा तथा केतु की प्रत्यंतर दशा जो की फरवरी 2026 से लेकर फरवरी 2027 तक रहेगी। लगभग एक साल का ये समय भारत सरकार को बहुत ही विरोध तथा कठिनाइयों का समय होगा। इस समय आम जनता में एक विद्रोह का भाव देखने को मिल सकता है लेकिन जो मंगल की महादशा है जो सितंबर 2025 से लेकर सितंबर 2032 तक चल रही है जो की 7 साल की दशा है इस दशा में भारत बहुत ही कड़ाई से अपने सेना को मजबूत करेगा। तथा भारतीय सेना विश्व में अपना एक अलग ही प्रभुत्व जमाने में सफल होगी।
फरवरी 2026 से लेकर फरवरी 2027 के बीच विवाद के कारण कुछ मौतें होगी लेकिन उसके बाद भारत एक मजबूत हिंदू राष्ट्र बनने की तरफ अग्रसर हो जाएगा आने वाले समय में भारत में बहुत ही विदेशी कंपनियां सितंबर 2025 से सितंबर 2032 के बीच में यहां पर इन्वेस्टमेंट करेंगे और भारत का इस वक्त में आर्थिक रूप से बहुत ही अच्छा उछाल आएगा। सितंबर 2025 से सितंबर 2032 के बीच जो सरकार रहेगी वह एक तरह से सभी भारतीयों को ऐसा लगेगा कि वह सरकार तानाशाही की तरह सरकार चल रही है
जब भारत वर्ष अपनी आजादी चाहता था तो भारतवर्ष के महानतम नेताओं में शामिल हमारे प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद जी के द्वारा भारतवर्ष के दो महान ज्योतिषी हरदेव शर्मा त्रिपाठी जी तथा सूर्य नारायण राव द्वारा भारतवर्ष की कुंडली बनाई गई जिसमें एक योग है जो कि मैं उसे योग को यहां पर कुंडली में नहीं बोलूंगा लेकिन जो ज्योतिष के मर्मज्ञ होंगे वह जान जाएंगे कि भारतवर्ष की कुंडली में एक योग बना हुआ है जो कि अंत समय में भारतवर्ष को भगवान का आशीर्वाद मिल जाएगा और तथा भारत अपने कितने भी भीषण से भीषण परिस्थितियों से बाहर निकलने में सक्षम होगा।
यह न किसी पार्टी न किसी नेता के हाथ में है। यह हमारे महान ज्योतिषियों द्वारा भगवान का आशीर्वाद लेकर के बनाया गया एक कुंडली है जिसमें भगवान का साक्षात आशीर्वाद मिल रहा है आपने देखा होगा कि कोरोना काल में जो कि पूरा विश्व यह मान रहा था की भारत बर्बाद हो जाएगा लेकिन विश्व में भारतवर्ष कोरोना कल में इतनी विपरीत परिस्थितियों होती है अभी एक मसीहा के रूप में उभरा और अपने भारत वर्ष के आम जनता को बचाने के साथ-साथ विश्व के तमाम देशों के नागरिकों को बचाने में सफल रहा यह दर्शाता है कि भारतवर्ष को किसी न किसी अलौकिक तथा मैया का सकता हूं कि भगवान का आशीर्वाद मिला है जो मर्मज्ञ जोशी होंगे वह इस भारतवर्ष की कुंडली में उस योग को देख सकते हैं।