भारत - ज्योतिष की नजर से
भारत देश की कुण्डली देखें तो इस समय विंशोत्तरी दशा में चंद्रमा की महादशा तथा शुक्र की अंतर्दशा चल रहा है जो कि शुक्र लग्नेश है तथा यही शुक्र कुंडली के तृतीय भाव में सभी राजयोगों तथा धनयोगों में सम्मिलित हैं। शुक्र स्त्रियों को भी दर्शाता है इसलिए इस दशा में संसद से स्त्रियों के लिए महिला आरक्षण का बिल भी पास हुआ है।
भारत देश की कुंडली के तृतीय भाव में पांच ग्रहों शुक्र, बुध, चंद्र, सूर्य और शनि पंचग्रही योग बनाते हैं जिसके कारण अष्टक वर्ग में लग्न में अधिक बिंदु होने के कारण यह राष्ट्र अपने विरोधी राष्ट्र पर भारी पड़ेगा। महादशानाथ चंद्रमा का इन राजयोगों तथा धनयोगों में सम्मिलित होने के कारण सितंबर 2015 से सितंबर 2025 तक का समय विशेष उपलब्धियां का रहा तथा रहेगा।
राजयोगों में सम्मिलित होने के कारण पूरे विश्व में भारत एक सशक्त राष्ट्र के रूप में उभरा तथा धनयोग में सम्मिलित होने के कारण यह विश्व के बड़े अर्थव्यवस्था वाले देशों में सम्मिलित हो गया। अंतर्दशानाथ शुक्र मार्च 2025 तक होने के कारण यह दर्शा रहा है कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में फिर से एक स्थिर सरकार बनेगी जिसका बहुत बड़ा कारण स्त्री वर्ग होगा क्योंकि शुक्र स्त्रियों का कारक भी है।
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